13 मई 2011
बेंगलुरू/नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कर्नाटक के 16 विधायकों की सदस्यता बहाल कर दी। विधायकों की इस बहाली से मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा के पद पर बने रहने को लेकर खतरा पैदा हो गया है।
इन विधायकों को 2010 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने से पूर्व अयोग्य ठहरा दिया गया था। अयोग्य ठहराए जाने से पहले विधायकों ने येदियुरप्पा से अपना समर्थन वापस ले लिया था।
इन 16 विधायकों में से 11 विधायक भाजपा के और पांच निर्दलीय हैं। इन विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में 11 अक्टूबर के शक्ति परीक्षण से पूर्व अयोग्य घोषित कर दिया था।
इनमें से अधिकांश विधायक फैसले के इंतजार में दिल्ली में डेरा डाले हुए थे। फैसले के बाद विधायकों ने संवाददाताओं से कहा कि वे अपनी भावी रणनीति तय करने के लिए शुक्रवार देर शाम बैठक करेंगे।
उन्होंने इस प्रश्न का कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया कि क्या वे येदियुरप्पा को हटाए जाने के लिए दोबारा मांग करेंगे। येदियुरप्पा के गृह जनपद शिमोगा की सागर सीट से विधायक बेलुर गोपालकृष्णन ने संवाददाताओं से कहा, "हम आपस में चर्चा करेंगे और उसके बाद कोई निर्णय लेंगे।"
न्यायालय के इस फैसले ने तीन विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में शुक्रवार को हुई भाजपा की जीत का जश्न मनाने की तैयारी में लगे येदियुरप्पा और उनके समर्थकों के उत्साह पर पानी फेर दिया है।
तीनों सीटों के लिए मतदान नौ अप्रैल को हुआ था और मतगणना शुक्रवार को हुई है।
बहाल किए गए पार्टी विधायकों को छोड़कर भाजपा के पास 225 सदस्यीय सदन में 109 विधायक हैं और एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन प्राप्त है।
सदन में कांग्रेस के पास 71 विधायक हैं और जनता दल के 26 विधायक हैं। एक सीट खाली है। संख्या के लिहाज से अब येदियुरप्पा के भविष्य की चाबी इन्हीं 16 विधायकों के पास होगी।
बेंगलुरू में भाजपा प्रवक्ता और नई दिल्ली में विशेष प्रतिनिधि वी. धनंजय कुमार ने कहा कि येदियुरप्पा सरकार को कोई खतरा नहीं है, क्योंकि बहाल होने वाले 11 विधायक भाजपा के ही सदस्य रहेंगे।
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद येदियुरप्पा ने मंत्रियों और विधायकों की एक बैठक की और 16 विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की।
Know when the festival of colors, Holi, is being observed in 2020 and read its mythological significance. Find out Holi puja muhurat and rituals to follow.
मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।